नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को पुलिस भर्ती परीक्षा के पैटर्न में बदलाव की घोषणा की। मुख्यमंत्री विधानसभा बजट सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा में अब 50 फीसदी अंक लिखित परीक्षा और 50 फीसदी शारीरिक अंक परीक्षा के होंगे। शारीरिक परीक्षा के 50 फीसदी इसलिए होंगे क्योंकि अगर जंगल में अपराधी को पकड़ना है तो केवल पढ़ने लिखने वाला नहीं, दौड़ने वाला भी चाहिए!
अब कई अभ्यर्थियों में इस बात को लेकर कंफ्यूजन है कि क्या वर्तमान में चल रही एमपी पुलिस 6000 कांस्टेबल भर्ती पर इस घोषणा का असर होगा? तो इसका जवाब नहीं है। एमपी पुलिस 6000 कांस्टेबल भर्ती में पीईटी 50 फीसदी अंक वाला नियम लागू नहीं होगा। एमपी पुलिस 6000 कांस्टेबल भर्ती में वही नियम लागू होंगे जो कि नोटिफिकेशन में दिए गए हैं। यानी फिजिकल टेस्ट केवल क्वालिफाइंग होगा। इस भर्ती में वही नियम लागू होंगे जो नोटिफिकेशन में पहले दिए गए थे।
भविष्य में जो भर्तियां निकलेंगी, उनमें फिजिकल टेस्ट 50 फीसदी नंबर का होगा। जो जितना अच्छा फिजिकल टेस्ट देगा, उसे उतने अच्छे मार्क्स मिलेंगे। फिटनेस के अतिरिक्त अंक मिलेंगे। फिजिकल टेस्ट का स्लैब बनाया जाएगा।
एमपी पुलिस 6000 कांस्टेबल भर्ती पीईटी के नियम
शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीईटी) तीन विधाओं – 800 मीटर दौड़, गोला फेंक व लंबी कूद में संपन्न की जाएगी। कांस्टेबल जीडी के अभ्यर्थियों को 2 मिनट 45 सेकेंड में 800 मीटर की दौड़ लगानी होगी। 19 फीट 7.260 किग्रा का गोला फेंकना होगा। इसके बाद 13 फीट की लंबी कूद मारनी होगी। महिलाओं को 4 मिनट में 800 मीटर की दौड़ लगानी होगी। 15 फीट 4 किग्रा का गोला फेंकना होगा। इसके बाद 10 फीट की लंबी कूद मारनी होगी। वहीं कांस्टेबल रेडियो के अभ्यर्थियों को भी 2 मिनट 45 सेकेंड में 800 मीटर की दौड़ लगानी होगी। 19 फीट 7.260 किग्रा का गोला फेंकना होगा। इसके बाद 12 फीट की लंबी कूद मारनी होगी।
भविष्य में ऐसे नियम लागू होंगे जिसमें 800 मीटर की दौड़ जो जितने कम समय में पूरी करेगा, उसे अधिक नंबर मिलेंगे।