भाजपा पार्षद प्रत्याशी वार्ड 60 श्वेता ओझा ताम्रकार कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी वार्ड 52 सुधीर चंदेल सहित भाजपा पार्षद प्रत्याशी वार्ड 41 जयंती साहू चुनाव हारे
दुर्ग नगरीय निकाय चुनाव में महापौर प्रत्याशी के रुप में कांग्रेस से श्रीमती प्रेमलता पोषण साहू और भाजपा से श्रीमती अलका सतीश बाघमार चुनाव में खडी हुई थी जहां भाजपा पार्टी के महापौर प्रत्याशी श्रीमती अलका सतीश बाघमार ने लगभग 67296 रिकार्ड वोंट से दुर्ग शहर में ऐतिहासिक जीत दर्ज की गई और इस खुशी के माहौल में विजयश्री उत्सव रैली भी निकाली गई
जहां सैकड़ों के तादाद में भाजपाइयों और शहर के लोग शामिल हुए दुर्ग शहर में भाजपा नें 40 चालीस सिट पार्षद, कांग्रेस से 12 सिट पार्षद और निर्दलीय से 8 सिट पार्षदों ने चुनाव में जीत हासिल कर नगर निगम दुर्ग में पार्षद पद के रुप में अपना नाम दर्ज किया गया
तो वही नवनिर्वाचित महापौर अलका बाघमार के वार्ड से भाजपा पार्षद प्रत्याशी चुनाव हार गयी साथ ही कांग्रेस महापौर प्रत्याशी श्रीमती प्रेमलता साहू के वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी चुनाव हार गया तो वही भाजपा जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक के वार्ड से भाजपा पार्षद प्रत्याशी चुनाव मेंं हार का सामना करना पड़ा
दुर्ग शहर नवनिर्वाचित महापौर अलका बाघमार के वार्ड नंबर 60 कातुलबोर्ड पश्चिम से भाजपा प्रत्याशी श्वेता ओझा ताम्रकार से कांग्रेस प्रत्याशी नीरा खिचरिया ने चुनाव जीता और 152 वोट से जीत हासिल कि गई
साथ हि कांग्रेस महापौर प्रत्याशी श्रीमती प्रेमलता साहू के वार्ड नंबर 52 बोरसी दक्षिण कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर चंदेल से गुलशन गायत्री साहू ने चुनाव जीता और 1457 वोट से जीत हासिल कि गई
तो वही सुरेंद्र कौशिक के वार्ड नंबर 41 केलाबाडि में भाजपा प्रत्याशी जयंती साहू से कांग्रेस प्रत्याशी रूबीना खोकर ने चुनाव जीता और 1258 वोट से जीत हासिल कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया
जरा सोचिए जिस वार्ड में भाजपा जिला अध्यक्ष , नवनिर्वाचित भाजपा महापौर और कांग्रेस महापौर प्रत्याशी रहते हैं वहा से अपने अपने पार्षद प्रत्याशियों को नही जीता पाना चुनाव हार जाना साथ ही पार्षद प्रत्याशियों द्वारा हम चुनाव जीत रहे हैं करके गलतफहमी में रहकर मेहनत करना छोड़ देना ओवरकामफिडेंन के चक्कर में चुनाव में हार का सामना करना पड़ा
आपको बता दे की दुर्ग शहर में भाजपा और कांग्रेस के बड़े बड़े दिग्गज नेताओं के वार्डो से अपने अपने पार्टी के पार्षद प्रत्याशियों को जिताने में नेताओं को असफलताएं हाथ लगी कारण दरासल पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने पार्टी के साथ विश्वासघात और धोखा दिया गया किसी पार्टी के लिए नहीं अपने जेब भरने के लिए काम किया जिसका नतीजा एवं परिणाम आप सबके सामने है।
इस तरह से देखा जाए तो भाजपा के बडे नेताओं के वार्डो से कांग्रेस पार्षद प्रत्याशी जीत कर आना और कांग्रेस के बडे नेताओं के वार्डो से भाजपा पार्षद प्रत्याशी जीत कर आना कोई कम चुनौतिपूर्ण नहीं हैं। पार्षद प्रत्याशियों द्वारा गर्व से कह सकते हैं। कि हमने एक पार्षद को ही नही हराया हमने एक बड़े नेताओं के वार्डो से जीत कर शहर में अपना एक अलग पहचाह बनाकर नाम व छाप हासिल कि गई है।