शहरवासियों द्वारा निगम के सभी प्रकार के टैक्स देने के बावजूद सुविधाओं का लाभ नहीं मिलना
दुर्ग शहर नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आज बहुत से वार्ड विकास के लिए तरसती दिखाई दे रहे हैं तो वहीं क्षेत्र के लोगों द्वारा अपने वार्ड में मूलभूत सुविधाओं के लिए पार्षद,निगम प्रशासन,शहर सरकार सहित विधायक के घर का दरवाजा खटखटाते हुए दिखाई देते है।
उसके बाद भी शहरवासियों के समस्याएं जस जस बनी हुई रहती है। निगम प्रशासन और कुछ पार्षदो सहित बड़े बड़े नेताओं के मिलि भगत से एक तरफ जहां लोग निवासरत बसावट नहीं उस तरफ अपने चहेतों और रसुखदारो को लाभ पहुंचाने हेतु जहां अतिक्रमणकारियों द्वारा बीना कब्जा हटाएं सड़क,नाली जैसे अनेकों सुविधाएं पहुंचा रहे हैं।
तो वहीं दूसरी ओर शहर के अनेकों वार्ड वासियों को अपने क्षेत्र के समस्याओं को लेकर दर-बदर भटकते दिखाई दे रहे हैं। वार्डवासियों द्वारा निगम के सभी प्रकार के टैक्स देने के बावजूद सुविधाओं का लाभ नहीं मिलना समझ से परे हुए दिखाई देते हैं।
आपको बता दें कि आज भी ऐसे बहुत से वार्ड है जहां सड़क, नाली ,बिजली ,पानी नहीं पहुंचे हैं। क्षेत्रवासी शहर में रहकर गांव से भी बततर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। जबकि गांवों में टैक्स भी नहीं देना पड़ता और लोगों द्वारा शहर के अनेकों सुविधाओं का लाभ लेने हेतु गांव से चलकर शहर में निवास इसलिए करते हैं कि हमें सुविधाओं और योजनाओं का लाभ मिलेगा
लेकिन ऐसा नहीं होता है। अब समय उल्टा हो गया है शहर में सुविधाओं और योजनाओं का लाभ नहीं मिलता उसके बाद भी सरकार को बहुत से टैक्स देना पड़ता है। और गांवों में किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता उसके बाद भी ग्रामीण अंचलों में सरकार के सुविधाओं और योजनाओं घर तक चल कर आते हैं।
आज ग्रामीण क्षेत्रों को आदर्श गांव में धीरे धीरे परिवर्तन होते दिखाई दे रहे हैं। लेकिन शहरवासियों को स्मार्ट सिटी का दर्जा भी नहीं मिल रहें हैं। ये सबका मुख्य एक ही कारण होते है। विकास कार्यों के नाम पर भेद-भाव और जिम्मेदार कुछ अधिकारियों और कुछ नेताओं के मिलि भगत से किसी विशेष लोगों को लाभ पहुंचाना साथ ही करप्शन और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है।