चौक चौराहों मुख्य मार्गों में अवैध पार्किंग और अवैध दुकानें संचालित होने से लगातार जांम कि स्थिति निर्मित होना
इन दिनों दुर्ग के इंदिरा मार्केट क्षेत्र में निवास करने वाले परिवारों को रहना और राहगीरों को किसी दंश झेलने के जैसा महसूस हो रहा है। मुख्य सड़क और मार्केट होने की वजह से इस मार्ग से हर दूसरे दिन कोई न कोई रैली, जुलूस या फिर धार्मिक और सामाजिक आयोजनों को लेकर शोभायात्रा निकलती है।
इतना ही नहीं वीआईपी और वीआईपी कल्चर के चलते भी कई बार इस मार्ग पर भीड़ रहते हैं। इसकी वजह से घंटों ट्रैफिक जाम की समस्या सामने आ रही है। ऐसे में यदि कोई त्योहार आ जाए, तो फिर इस मार्ग से गुजरना मतलब दांतों तल चने चबाने जैसा लगने लगा है।
त्योहारी के समय सड़क पर बिना खौफ दुकानें और पसरा लग जाते हैं। ठेले वाले जहां-तहां अपनी दुकान सजा लेते हैं, जिसकी वजह से परेशानियां दोगुनी से तीन गुनी तक बढ़ जाता है। ऐसा नहीं है कि इस क्षेत्र के रहवासी निगम के बाजार विभाग सहित पुलिस या फिर कलेक्टर तक शिकायत नहीं करते,
शिकायत कई बार कर चुके हैं, लेकिन कहीं कोई स्थाई समाधान नहीं निकाला गया है। परिवार और राहगीरों परेशान रहता है। वह अपने घर के बाहर न खड़े हो पाता है, न ही वाहन रख पाता है। यहां तक महज 200 मीटर की दूरी पर घर होने के बाद भी उसे पहुंचने में डेढ़ घंटे से ज्यादा का समय लगता है।
वजह सिस्टम की लापरवाही, जो ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनाने कभी भी गंभीर नजर नहीं आया। न पुलिस और न निगम प्रशासन के अफसर इसे लेकर गंभीरता दिखाते हैं, न ही कलेक्टर और न ही शहर सरकार और न शहर विधायक को इससे कोई सरोकार है। उन्हें अपनी वोटबैंक से मतलब है, जनता की सुविधाओं को लेकर कहीं कोई चिंता नजर नहीं आता।
इंदिरा मार्केट के अलावा 20 से ज्यादा मोहल्लेवासी परेशान
ट्रैफिक जाम की इस समस्या से इंदिरा मार्केट के अलावा पोलसायपारा, पचरीपारा, तकियापारा, लुचकीपारा, मोतीपारा, तमेरपारा, मठपारा, ब्राह्मणपारा, शिवपारा, सारथीपारा, गवलीपारा, गांधी चौक, जवाहर चौक, हठरीपारा, मैथिलपारा, भोईपारा, शनिचरी बाजार, सत्ती चौरा, गंजपारा,
हॉस्पिटल कॉलोनी जैसे क्षेत्रों में रहने वाले करीब 5 हजार परिवारों 30 हजार से ज्यादा लोग परेशान हैं। उनकी मानें तो ट्रैफिक जाम की इस समस्या के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार ट्रैफिक पुलिस और निगम के अधिकारी है। उनकी इच्छाशक्ति के अभाव के कारण यह समस्या बनी हुई है।
उन्होंने कभी भी जुलूस, रैली निकलने के दौरान वन-वे करने का प्रयास नहीं किया। न ही एक रास्ता खोलकर दूसरे रास्ते से आवाजाही के इंतजाम बनाए। इसके कारण लोग जहां-तहां वाहन घुसा दे रहे हैं, और ट्रैफिक जाम की समस्या बन जा रही है।
निगम प्रशासन और पुलिस प्रशासन को शहरवासियों और राहगीरों के जांन कि कोई परवाह नहीं सिर्फ चालानी कार्रवाई के नाम पर वसुली अभियान पर ज्यादा ध्यान देते दिखाई देता है हम इसलिए कह रहे हैं कि आज शहर के मुख्य मार्गों चौक चौराहों में अवैध पार्किंग और अवैध दुकानें संचालित होने से शहरवासियों और राहगीरों के लिए अक्सर जांन जोखिम भरा हुआ रहता है।
पुलिस प्रशासन और निगम प्रशासन द्वारा यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने एवं शहर को व्यवस्थित करने को लेकर कोई प्लान नहीं चारों तरफ अव्यवस्थाएं ऐसे में सुंदर दुर्ग,सुघ्घर दुर्ग, स्वच्छ दुर्ग, गढ़बो नवा दुर्ग का जो सपना है वह कैसे संभव होगा समझ से परे हुए दिखाई दे रहे हैं।