जन्मदिन पर खाने पीने को लेकर पड़े लाले और उन्हें बधाई देने बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता क्यों नहीं पहुंचा कार्यकर्ताओं और नेताओं में आखिर किस बात कि नाराजगी होंगी
राजनीति में सत्ता और संगठन एक दूसरे के पूरक होते हैं लेकिन तब क्या हो जब संगठन में बैठे व्यक्ति को सत्ता की ओर से कोई रिस्पांस ना मिले ऐसा ही हुआ जब दुर्ग जिले के 6 विधानसभा के जिला अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा का जन्मदिन था लेकिन उन्हें बधाई देने बीजेपी का कोई भी बड़ा नेता नहीं पहुंचा
जिसके बाद संगठन में अंदर खाने यह चर्चा शुरू हो चुकी है कि जितेंद्र वर्मा को जिला अध्यक्ष बने लंबा समय हो चुका है अब उनकी बिदाई तय है
10 अगस्त को जितेंद्र वर्मा का जन्मदिन था जिसकी एक बड़ी पार्टी भी रखी गई थी दुर्ग के मिलन मैरिज पैलेस में जितेंद्र वर्मा का जन्मदिन मनाया गया जन्मदिन पर खाने पीने से लेकर अनेकों तैयारियां भी खूब कि गई थी जितेन्द्र वर्मा को उनके जन्मदिन पर बधाई देने उम्मीद से कम लोग दिखाई दिए बहुत से कार्यकर्ताओं ,पार्षदगण और नेताओं सहित क्षेत्र के कई नेता जितेंद्र के जन्मदिन पर नहीं पहुंचे
जबकि खासबात तो यह है जितेन्द्र वर्मा ने विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर दीन रात खूब मेहनत कि थी और उनकी मेहनत काफी रंग भी लाई दुर्ग जिले के 6 विधानसभा सीटों में से चार पर भाजपा के विधायक जीत कर आए.
जितेन्द्र वर्मा को उनके जन्मदिन कि बधाई देने पहुंचे अतिथियों के लिए खाने को लेकर लाले पड़ गए थे बहुत से लोग लम्बे लाईन लगाकर कुछ लोग थोड़ी मोड़ी बड़ी मुश्किल से गुप-चुप और दोसा, और चौमिन खाकर चलें गए तो वहीं कुछ लोगों को चांवल के लिए घंटों इंतजार करने के बाद भी चांवल नहीं मिला
इस तरह नाराजगी जाहिर करते हुए बड़-बड़ करते हुए भूखे पेट वापस चलें गए जबकि वर्मा जी कि ओर से किसी भी प्रकार के कोई कमी नहीं थी जबकि वर्मा जी के द्वारा लोग मेरे जन्मदिन पर बधाई देने पहुंचेंगे करके सारी व्यवस्थाएं को लेकर किसी अपने लोगों को जिम्मेदारियां दी गई थी
इस तरह से देखा जाए तो जिलाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा अपने जन्मदिन पर भीड़ क्यों नहीं जुटा पाई ऐसे क्या कारण होगी कि जहां एक तरफ भाजपा पार्टी के एक नेता के जन्मदिन पर पुरे मंत्री मंडल चलें आते हैं तो वहीं दुसरी तरफ जिलाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा के जन्मदिन पर लोग नहीं पहुंचे
दुर्ग जिलाध्यक्ष जितेन्द्र वर्मा अपने जन्मदिन पर उनके चेहरे पर खुशनुमा दिखाई क्यों नहीं दिए साथ ही बहुत ही चिंतित और अकेलेपन का अनुभव करते दिखाई दिए ऐसे क्या कारण होगी जो उनके दिमाग में चल रहे थे भगवान मालिक और जितेन्द्र वर्मा और उनके नेतागण ही जाने