दुर्ग शहरवासियों को कई दिनों से घरों तक पीने के पानी नहीं पहुंच पाना लेकिन शहर के गंदा पानी घरों तक जरूर पहुंचना और जल भराव कि समस्या आखिर क्षेत्र के लोगों को छोटी मोटी मूलभूत सुविधाओं, योजनाओं और समस्याओं से आखिर कब निजात मिलेगी
छत्तीसगढ़ में विगत पांच वर्षों तक कांग्रेस कि सत्ता रही और आज भी दुर्ग नगर निगम में उन्हीं के महापौर शहर सरकार है। उसके बाद भी शहरवासियों को कई दिनों से पानी कि संकट से जूझना एवं निजात नहीं मिलना क्या पानी कि समस्याओं को उनकी कांग्रेस सरकार निगम प्रशासन और शहर सरकार कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाया गया
छत्तीसगढ़ में विगत सात महिनों से भाजपा के सरकार है और दुर्ग शहर में उन्हीं के विधायक हैं। क्या भाजपा सरकार और विधायक द्वारा इन सात महिनों में शहरवासियों के पानी कि समस्याओं को लेकर कोई पहल नहीं किया गया आज शहरवासी कई दिनों से अपने घरों में पानी नहीं आने से पानी पीने के लिए एक एक बूंद के लिए तड़प रहें हैं।
चाहे कांग्रेस सरकार कि बात करें या फिर भाजपा सरकार कि नागरिकों के लिए सदन में नल जल योजना को लेकर करोड़ों के बजट पेश किया जाता है। लेकिन उसके बाद भी लोगों के घर तक पानी नहीं पहुंच पाना पानी कि एक एक बूंद बूंद के लिए जूझना समझ से परे हुए दिखाई दिए आज भी शहरवासियों को सुबह शाम निगम के पानी टैंकर के भरोसे रहना टैंकर समय में आएं तो भी ठीक और समय में नहीं आएं तो भी ठीक है।
ऐसा लगता है मानो इन नेताओं द्वारा बजट पेश सिर्फ कोरे कागज में घोषणा कि जाती होगी तभी तो योजनाएं धरातल एवं जमीन पर नहीं दिखाई देते अगर ऐसा नहीं होता तो आज नागरिकों को पानी जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए इधर उधर भटकने कि आवश्यकता नहीं पड़ता
आज प्राकृतिक का रौद्र रुप देखने को मिल रहें हैं एक तरफ भारी बारिश से नदी नालों तालाबों उफान पर है। शहर ही नहीं बल्कि गांव सहित अनेकों जिलों चारों ओर पुरे जलमग्न हो गई है। तो वहीं दुसरी ओर शहरवासियों को एक एक बूंद पीने के पानी के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है।
एक तरफ लोगों को पीने के पानी के लिए जूझना तो वहीं दुसरी ओर गंदी एवं मैट मैला पानी घरों तक आसानी से पहुंच जाना और साथ ही नलों के माध्यम से घरों तक मैट मैला गंदा पानी आने से लोग परेशान दिखाई दे रहे हैं। आज चारों दिशाओं में बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गई है। दुर्ग शहर के अनेकों वार्डों में कई दिनों से लोगों के घरों में पानी नहीं आने से पानी के लिए तरासना भरी बरसात में टैकंर का साहारा लेने कि जरूरत पड़ गई है।
दुर्ग शहर निगम प्रशासन सहित शहर के जिम्मेदार नेताओं द्वारा आज तक क्षेत्र के लोगों को पानी को लेकर झुठी अश्वासन देना एवं शहर में जल भराव कि स्थिति निर्मित होना आखिर शहरवासियों को कब तक छोटी मोटी मूलभूत सुविधाओं, योजनाओं और समस्याओं से निजात मिलेगी ऐसे में दुर्ग शहर स्मार्ट सीटी कैसे बनेंगे जिम्मेदारों को सोचने और समझने कि जरुरत है।