दुर्ग शहर के झुग्गी झोपड़ी और नीचले बस्ती गरीब परिवारों के घरों में जल भराव और बाढ़ जैसे हालात समस्याओं को सुनने वाले लाडले विधायक इन दिनों शहर से बाहर क्षेत्र के लोगों को अपनी दुःख पीढ़ा को लेकर कहां जाएं समझ से परे शायद शहरवासियों के विश्वास और सपने हुए चकनाचूर…
दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र गजेन्द्र यादव को विधायक बने लगभग सात महीने बीत चुके हैं।और आपको बता दें कि पुर्व विधायक अरुण वोरा को गजेन्द्र यादव ने लगभग 48,000 वोटों से पराजित कर हराया गया और अपनी जीत हासिल कि गई थी खुब आतिशबाजी हुई खुब मिठाईयां बांटी गई और शहर कि जनता को विधायक गजेन्द्र पर बहुत ही विश्वास भरोसा जताया कि हमारे शहर को लम्बे अर्सो के बाद नौजवान और युवा विधायक मिला है।
क्षेत्र के लोगों के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार शहरवासियों के विश्वास पर विधायक गजेन्द्र यादव कितने खरे उतरेंगे लोगों को धीरे-धीरे पता चलने लगें हैं। हम इसलिए कह रहे हैं कि जब शहर के कोई भी व्यक्ति अपनी अपनी दुःख पीढ़ा और अपने मूलभूत समस्याओं को लेकर सुबह उनके निवास जाते हैं। तो विधायक जी नहीं मिलते और न ही फोन भी नहीं उठाते हैं।
क्योंकि विधायक गजेन्द्र यादव सुबह 10 बजने के पहले किसी से भी नहीं मिल सकते क्योंकि सबका अपना पर्सनल कोई टाईम टेबल कामकाज भी रहते हैं विधायक बन गया इसका मतलब कभी भी किसी भी टाईम में थोडिना मिल सकते आखिर शहर का MLA है। सब कुछ अपने हिसाब से होगा
आपके समस्याएं कितने भी अर्जेंट क्यों न हो आपकी समस्याओं से शायद विधायक जी को कोई मतलब नहीं है। विधायक जी से अगर आपको मिलना है तो उनके द्वारा निर्धारित समय सीमा सुबह 10 बजे से 12 बजे तक आप मिलकर अपनी मूलभूत जैसे अनेकों समस्याओं को अवगत करा सकते हैं।
शहरवासियों को निर्धारित समय जानकारी नहीं होने के कारण अल सुबह पहुंच जाते हैं। और जब विधायक जी नहीं मिलते हैं तो लोगों के मन में अनेकों सवाल उठते हैं। कि यहां तक भी सुनने को मिलते हैं। विधायक गजेन्द्र यादव बड़े आदमी बन गए हैं। इससे अच्छा तो पुर्व विधायक अरूण वोरा ही ठीक था कम-से-कम कभी भी जाओ लोगों के समस्याओं को बैठकर सुना तो करते थे
समस्याओं का निराकरण हो न हो कम-से-कम लोगों को तसल्ली तो मिल जाती थी कि विधायक से मुलाकात कर फोटो खिंचवाकर समस्याओं को अवगत कराया गया यहां तो नवनिर्वाचित विधायक के यहां समय निर्धारित होने से मजदूरी करने वाले लोग उनके समय सीमा में नहीं मिल पाते हैं।
क्योंकि अपने काम काज को छोड़कर अगर मिलने जाते हैं तो उस गरीब व्यक्ति के एक दिन के रोजी-रोटी कहीं न कहीं नुकसान होने कि स्थिति निर्मित हो जाती है। इसलिए आज भी शहरवासियों के समस्याएं जस के तस बनी हुई दिखाई दे रहे हैं।
एक तरफ विधानसभा सत्र और दुसरी ओर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिला सहित अनेकों जिलों में भारी बारिश होने के कारण शहर जलमग्न हो गई है। शहर के अनेकों वार्डों में कई घरों में अत्यधिक वर्षा से जल भराव एवं बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो गई है।
झुग्गी झोपड़ी और नीचले बस्ती गरीब परिवारों के समस्याओं को सुनने वाले लाडले विधायक इन दिनों शहर से बाहर है।अब ऐसे स्थिति में शहरवासी अपनी समस्याओं को लेकर जाए तो कहा जाएं समझ से परे हुए दिखाई दे रहे हैं।
दुर्ग शहर विधायक गजेन्द्र यादव के कामकाज और अत्यधिक व्यस्तता होने के चलते आजकल बहुत से समाजिक कार्यक्रमों में अपनी समय भी देना मुश्किल हो रहें हैं। कुछ कार्यक्रमों में शामिल तो कुछ कार्यक्रमों को निरस्त करना पढ़ रहे हैं। ऐसे में विधायक के कामकाज से कौन खुश हैं और कौन नाखुश हैं आप भले भाती समझते हैं।