दिल्ली। हिजाब पर विवाद बढ़ता जा रहा है. विवाद की गूंज कई राज्यों तक पहुंच चुकी है. महाराष्ट्र के मालेगांव में हिजाब डे मनाया गया तो जयपुर ग्रामीण के चाकसू इलाके में एक कॉलेज में यूनिफॉर्म में आने को कहा गया तो बुरका पहने छात्राओं ने हंगामा खड़ा कर दिया. आज पंजाब के लुधियाना में भी महिलाओं का हिजाब मार्च निकालने का ऐलान किया गया है. कहीं वामपंथी दल तो कहीं मुस्लिम संगठन हिजाब के पक्ष में खड़े मध्य प्रदेश के सतना में हिजाब की लड़ाई बुरके पर आ गई है. एक छात्रा परीक्षा में बुरका पहन कर पहुंची तो हिंदूवादी संगठनों ने एतराज जता दिया.
छात्रों को मोहरा बना कर आगे करने की राजनीति सिर्फ अलीगढ़ या सतना की नहीं है. देश के अलग-अलग हिस्सों में हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं. कहीं वामपंथी दल तो कहीं मुस्लिम संगठन हिजाब के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं. महाराष्ट्र में ना तो बीजेपी सरकार है और ना ही हिजाब पर प्रतिबंध रोक लगाई जा रही है, लेकिन मालेगांव में हिजाब डे मनाया गया. यहां जमीयत उलेमा हिंद ने हिजाब डे मनाया और महिलाओँ को बताया कि ये अल्लाह का आदेश है कि उन्हें हिजाब और बुर्का पहनना चाहिए. चेन्नई, अलीगढ़, कोलकाता, जयपुर और मालेगांव में कल हिजाब के समर्थन में विरोध प्रदर्शन हुए. कभी सियासत चमकाने के लिए तो कभी धर्म की ठेकेदारी के लिए हिजाब विवाद भड़काया जा रहा है. सवाल अब भी बरकरार है शिक्षा के संस्थान में जहां सब बराबर होते हैं, वहां धार्मिक पोशाकों का क्या काम?