जनदर्शन दरबार में नागरिकों कि समस्याएं दिन-प्रतिदिन कम होने के बजाय बढ़ते हुए दिखाई देना शायद कोई कार्यवाही या निराकरण नहीं होता होगा फैल साबित
छत्तीसगढ़ में जनदर्शन दरबार किं शुरुआत डां. रमन सिंह ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में कि गई थी उसी समय से सभी जिलों के कलेक्ट्रेट पर सभागार में कलेक्टर के माध्यम से जनदर्शन दरबार लगाई जाती है। आपको बता दें कि इस दरबार में वही लोग शामिल होते हैं।
जिन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहें हैं। जो सभी जगहों से थक-हार जाते हैं। जिसका निराकरण कहीं से नहीं होता है। जिले के लोग अपनी-अपनी छोटी छोटी मूलभूत सुविधाएं पानी , बिजली, सड़क, नाली और प्रधानमंत्री आवास जैसे अनेकों परेशानियों एवं जन समस्याओं के निराकरण को लेकर पहुंचते दिखाई देते हैं।
लेकिन आपको बता दें कि कलेक्ट्रेट के जनदर्शन दरबार में पिछ्ले सोमवार 17 जून को 130 आवेदन आया था और मंगलवार 18 तारीख को अधिकारियों द्वारा आवेदनों को समीक्षा बैठक के माध्यम से टीएल बैठक हुई थी इस सोमवार 24 जून को 130 से बढ़कर 170 आवेदन आया है। और मंगलवार 25 जून को फिर से सभी अधिकारियों द्वारा कलेक्टर के माध्यम से समीक्षा बैठक होगी
जबकि अधिकारियों द्वारा पिछले आवेदनों के निराकरण को लेकर प्लेट में चाय, पानी नाश्ता और मीठा और नमकीन लेते हुए शायद चर्चा करते दिखाई दिए थे हर सप्ताह जनदर्शन दरबार और टीएल बैठक होने के बाद भी आवेदनों का निराकरण कि प्रकरण कम होना दूर कि बात बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं न ही कम होते हुए
जबकि खासबात तो यह है कि अधिकारी फिल्ड में ही नहीं उतरते होंगे तभी तो लोगों के समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती हुई दिखाई दे रहे हैं। जनदर्शन दरबार एवं टीएल बैठक में जो अधिकारी दिखाई देंते है। उसमें से बहुत से ऐसे अधिकारी अपने दफ्तर में ही समय में नहीं पहुंचते हैं। तो जनता कि समस्याओं से कैसे रुबरु होंगे
आज तक जिला कलेक्टर द्वारा शासकीय विभागों के कार्यालय का निरक्षण करना भी उचित नहीं समझते अगर निरक्षण करते तो पता चल जाता कि कौन ड्यूटी में आते हैं और कौन ड्यूटी में नहीं आते और कौन ड्यूटी में आने के बाद नदारद रहते हैं। क्योंकि शासकीय कार्यालय में कर्मचारियों के आने जाने का टाईम टेबल फिक्स होने के कारण कर्मचारी अपने समय सीमा में ड्यूटी पर उपस्थित नहीं होते हैं।
इसी कारण प्रशासन के अनेकों योजनाएं सिर्फ कोरे कागजों पर जमीन स्तर पर दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। ऐसे में केन्द्र सरकार के संकल्प विकसित भारत का जो सपना है वह कैसा साकार होगा जिले के नागरिकों जो अनेकों योजनाएं से वंचित हो रहे हैं ऐसे लोगों के लिए जनदर्शन दरबार फैल साबित एवं समझ से परे हुए दिखाई दे रहे हैं।