शिक्षा विभाग द्वारा भीषण गर्मी और धूप उमस का हवाला देते हुए लगभग 10 दिनों और अवकाश घोषित एक जुलाई दिन सोमवार से सभी स्कूलों को प्रारंभ शुरू करते तो शायद पालकों के एक माह का स्कूल ट्यूशन फीस बस किराया शुल्क माफ हो सकता था लेकिन जिम्मेदार लोग आखिर क्यों नहीं चाहते आप भले भाती समझते हैं।
छत्तीसगढ़ में बच्चों का स्कूल एक जुलाई से प्रारंभ होकर 30 अप्रैल तक चलता था और बच्चों को दो माह का गर्मी छुट्टी मिलती थी जहां बच्चों द्वारा खूब खेलते और गांव घुमते दिखाई देते थे इस तरह देखा जाए तो एक वर्ष में 10 माह पढ़ाई होती थी लेकिन जब से प्राईवेट स्कूले खुलने लगी तब से शिक्षा विभाग द्वारा प्राईवेट स्कूलों को लाभ पहुंचाने हेतु 15 जून को स्कूल खुलने के आदेश जारी किया गया था लेकिन नहीं खोला गया
क्योंकि उसके बाद भीषण गर्मी और धूप उमस का हवाला देते हुए लगभग 10 दिनों और अवकाश घोषित कर दी जाती है। जबकि 1 जुलाई आने में दो चार दिनों ही बचे हुए हैं ऐसा लगता है मानो यहां पर शिक्षा विभाग द्वारा नीजी स्कूलों का अच्छी खासी ध्यान रखी जाती है। ताकि प्राईवेट स्कूलों द्वारा जून माह का फीस बच्चों के पालकों से लिया जा सकें
तभी तो शिक्षा विभाग के आदेशानुसार शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में बच्चों के स्कूल खुलने एवं लगने कि नई सत्र 15 जून से प्रारंभ कर दी जाती है। और आपको बता दें कि स्कूलों में ऐडमिशन लेने प्रवेश प्रारंभ उसी दिन से शुरू होकर शायद जुलाई तक रहता है। लेकिन कुछ स्कूलों में मनमानी के चलते 15 जुलाई तक ऐडमिशन लेते दिखाई देते हैं
शिक्षा विभाग द्वारा इस वर्ष भी गर्मी और उमस बढ़ते तापमान के कारण स्कूल खुलने एवं लगने के समय को आगे बढ़ाते हुए इस वर्ष 26 जून कर दिया गया है। आपको बता दें कि बहुत से ऐसे पालक होते हैं कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती ऐसे सोच कर अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूल में पढ़ाते दिखाई देते हैं।
सरकार को लोगों के मानसिकता को बदलने कि आवश्यकता है उसके लिए सरकारी स्कूलों के पढ़ाई-लिखाई को गंभीरता से लेते हुए सर्वसुविधायुक्त पढ़ाई अच्छी रखना बहुत ही जरूरी है। एक तरफ शिक्षा विभाग गर्मी और तेज धूप का हवाला देते हुए स्कूल खुलने के तारीख 15 जून से बढ़ाकर 26 जून कर दिया गया है। लेकिन आज भी 15 जून से कई प्राईवेट स्कूलों शुरू हो गई है।
और कई प्राईवेट स्कूलों शिक्षा विभाग के गाइडलाइंस का पालन करते दिखाई दे रहे हैं। शिक्षा विभाग को स्कूलों के समय को आगे बढ़ाना ही था तो 15 जून से बढ़ाकर उसे 30 जून कर देना था इससे गरीब पालकों को जून माह का फीस जमा करना नहीं पढ़ता अब 27 जून गुरुवार को स्कूल खुलने वाले हैं। 28 जून शुक्रवार, 29 जून शनिवार, 30 जून रविवार और 1 जुलाई दिन सोमवार पढ रहे हैं।
अगर शिक्षा विभाग 1 जुलाई दिन सोमवार से सभी स्कूलों को प्रारंभ कर देते तो शायद किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता और पालकों के एक माह का ट्यूशन फीस बस किराया शुल्क शायद बच जाते लेकिन शिक्षा विभाग नहीं चाहते होंगे कि पालकों का पैसा बचें तभी तो पुरे माह में चार दिनो के लिए बच्चों के लिए स्कूलों को खोलें जा रहें हैं।
लेकिन इससे साफ जाहिर होता है कि शायद शिक्षा विभाग और प्राईवेट स्कूलों कि मनमानी और मिली-भगत के चलते ताकि इस माह का स्कूल फीस ट्यूशन फीस बस किराया शुल्क पालकों से लिया जा सकें शिक्षा विभाग को पालकों के प्रति ध्यान आकर्षित करते हुए एक जुलाई से स्कूल प्रारंभ करनी चाहिए इससे पालकों को थोड़ी राहत तो मिलेगी
शिक्षा मंत्री क्या बच्चों के भविष्य और पालकों के प्रति हमदर्दी जताते हुए क्या कोई ठोस निर्णय या पहल किया जाएगा ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा