सरोज पांडे ने 14 अगस्त 2003 को बनवाया था संविधान चौक में बाकायदा भारत के संविधान का उद्देश्य भी लिखा गया है।
दुर्ग में संविधान खतरे में है – यकीन मानिए जिस भारत के संविधान की शपथ लेकर पार्षद से महापौर या विधायक और सांसद बनते हैं इस संविधान की अनदेखी दुर्ग के जनप्रतिनिधि जमकर कर रहे हैं।
दुर्ग के हृदय स्थल डॉ राजेंद्र प्रसाद चौक से चंद कदमों की दूरी पर संविधान चौक है जिसे दुर्ग नगर निगम की तात्कालिक महापौर सरोज पांडे ने 14 अगस्त 2003 को बनवाया था संविधान चौक में बाकायदा भारत के संविधान का उद्देश्य भी लिखा गया है।
तो वही 125 से ज्यादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम भी अंकित किए गए हैं संविधान के इस ग्रंथ के ठीक पीछे एक क्रांति की मशाल भी जलाई गई थी मार्शल कई सालों से बुझी पड़ी है रोशनी के लिए लगाई गई तमाम विद्युत व्यवस्था भी पूरी तरह चोरी हो चुकी है।
पूरा स्थान शराब की बोतल पानी के पाउच और गंदगी और दुर्गंध से पटा पड़ा है तो वहीं अब इस संविधान चौक पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा है लोग भारत के संविधान कि इस प्रतीकात्मक ग्रंथ पर पेशाब करते हैं तो वहीं शाम होते ही मय के प्यासे जाम भी छलकाते हैं।
लेकिन जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ तमाम आला अफसर और अधिकारियों को संविधान की दुर्दशा दिखाई नहीं देती क्योंकि नगर निगम और जिला प्रशासन तो केवल बड़े नेताओं की मूर्तियां लगवाने में व्यस्त है।
संविधान चौक के अगल-बगल दुर्ग नगर निगम द्वारा पांच नई मूर्तियां लगवा कर बड़े-बड़े शानदार चौक बनाए गए हैं। लेकिन संविधान की अनदेखी समझ से परे है इसलिए एक बार फिर कह रहा हूं यकीन मानिए दुर्ग में यह संविधान खतरे में है…