क्योंकि यह कार्यक्रम शाम रात्रि से लेकर सुबह तक डीजे के सौंग बाजें गाजे के साथ दरगाह में भव्य चादर चढ़ाने एवं कवाली का कार्यक्रम सम्पन्न होता है।
दुर्ग शहर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पटेल चौक में मुस्लिम समुदाय द्वारा एकता का परिचय देते हुए प्रतिवर्ष के भाती इस वर्ष भी तीन दिनों तक चलने वाली भव्य सालाना उर्स पार्क मुस्लिम भाईयों द्वारा बड़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाई जा रही है। आपको बता दें कि इन तीन दिनों तक कवाली कार्यक्रम भी होती हैं।
जहां अलग अलग दिनों एवं समय में रात्रि कालीन 10 बजे से लेकर सुबह तक कवाली का कार्यक्रम होता है। एक दिन में दो कवाली होता है और तीन दिनों में छः कवाली कि होती है। यह कार्यक्रम क्षेत्र के लोगों के लिए त्यौहार जैसे माहौल दिखाई देते हैं। अनेकों वार्डों से अपने श्रध्दा अनुसार दरगाह में चादर चढ़ाने के लिए डीजे के धून और बाजें गाजे के साथ रात्रि कालीन तक वार्ड भ्रमण करते हुए दिखाई देते हैं।
इस कार्यक्रम में हजारों के तादाद में भीड़भाड़ दिखाई देते हैं। तथा अलग अलग शहरों से लोग आकर अपने अपने रिस्तेदारो के यहां ठहरकर सालाना उर्स पार्क तीन दिनों के कार्यक्रम का आनंद लेते दिखाई देते हैं। पटेल चौक के चारों ओर लाईटों से जगमगा उठा है। शाम होते ही अनेकों समानों के स्टाल लगाकर दुकानें सजाई जाती है।
लेकिन इन सैकड़ों दुकानों से दुर्ग निगम को राजस्व कि वसुली होती है या नहीं होती होगी ये तो निगम प्रशासन कि जवाबदारी बनती है। कहीं त्यौहारों के मद्देनजर छूट तो नहीं मिला होगा
इस सालाना उर्स पार्क में मुस्लिम समुदाय द्वारा भाईचारा का संदेश देते हुए अनेकों समाज के लोगों को भी आमंत्रित किया जाता है। ताकि इस त्यौहार को सभी लोग मिल-जुलकर मना सकें। और इस कार्यक्रम में दिन रात पुलिस जवानों कि ड्यूटी भी लगाई जाती हैं। ताकि किसी भी प्रकार के अनहोनी न हो
आप लोगों पता होगा कि अभी लोकसभा चुनाव के कारण पुरे भारत में आचार संहिता लागू है। और आचार संहिता लागू होने के कारण सुत्रो के अनुसार पता चला कि जिला प्रशासन द्वारा अनेकों समाजिक कार्यक्रम के समय को आचार संहिता का हवाला देते हुए आगे बढ़ाया गया या तो कम संख्या में शांति पूर्ण तरीके से सम्पन्न करने कि दिशा निर्देश जारी कर परमिशन दिया गया
लेकिन इस सालाना उर्स पार्क कार्यक्रम में हजारों कि संख्या में लोगों कि भीड़भाड़ रहते हैं और यह कार्यक्रम तीन दिनों तक पुरे रात सुबह होते तक डीजे के सौंग के साथ चलते हैं। अनेक शहरों से हजारों लोग मेहमान बनकर आते हैं। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के पास कौन आ रहें हैं और कौन जा रहें हैं कोई जानकारी नहीं रहता क्या ये आचार संहिता का उलंघन नहीं है।
आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए सालाना उर्स पार्क कार्यक्रम को एक लिमिट समय के रखना था लेकिन ऐसा देखने को नहीं मिला अधिकारियों कि मनमानी के चलते कहीं न कहीं भेद-भाव करते देखने को मिला
जिला प्रशासन द्वारा एक पक्ष को आचार संहिता का हवाला देकर आनाकानी करते हुए कम संख्या में कार्यक्रम करने को लेकर बड़ी मुश्किल से परमिशन देते हैं तो वहीं दुसरे पक्ष को आसानी से परमिशन देते हुए दिखाई देते हैं जहां समय और संख्या का कोई बंधन एवं किसी भी प्रकार का कोई पाबंदी नहीं होता है।
क्या चुनाव आयोग ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करेंगे