दोनों पार्टियों द्वारा अपनी पांच वर्षों कि विकास कार्यों कि उपलब्धि गिनायेंगे या अपने अपने सरकार के योजनाओं को लेकर घर घर जायेंगे या फिर दोनों पार्टियों द्वारा एक दुसरे के कमजोरियों को गिनाएंगे
दुर्ग जिला लोकसभा सांसद चुनाव हेतु राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा अपनी अपनी प्रत्याशियों के चयन कर लिया गया है। जिसमें भाजपा पार्टी से विजय बघेल और कांग्रेस पार्टी से राजेंद्र साहू को उम्मीदवार घोषित कि गई है। आपको बता दें कि भाजपा पार्टी से विजय बघेल इसके पहले विधायक और वर्तमान में सांसद पद का दायित्व निभा चुके हैं।
वहीं कांग्रेस से राजेंद्र साहू कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महामंत्री और वर्तमान में केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष पद का दायित्व निभा रहे थे भाजपा पार्टी से लोकसभा सांसद चुनाव प्रत्याशी विजय बघेल द्वारा सांसद रहते हुए अपने पांच वर्षों के विकास कार्यों पर भरोसे कर अपने गारंटी को लेकर घर घर जायेंगे या फिर रटा रटाया मोदी कि गारंटी के फार्मूले को लेकर घर घर जायेंगे ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा
वहीं कांग्रेस पार्टी से राजेंद्र साहू पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खासमखास एवं बहुत ही करीबी माने जाते हैं। और कई बार केन्द्र के मोदी सरकार को तीखी आवाज में पलटवार करने के साथ ही निशाना साधते हुए दिखाई दिए तो क्या कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सांसद चुनाव प्रत्याशी राजेन्द्र साहू द्वारा अपने पूर्व सरकार के योजनाओं को लेकर घर घर जायेंगे या फिर केन्द्र सरकार के योजनाओं में खामियां निकालकर गिनाते हुए घर घर जायेंगे ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा
दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों द्वारा अपने अपने स्तर में मीटिंग एवं कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचार प्रसार करना प्रारंभ कर दिया गया है। भाजपा पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी विजय बघेल दुसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगे तो वहीं कांग्रेस पार्टी से लोकसभा प्रत्याशी राजेन्द्र साहू पहली बार लोकसभा चुनाव लडेंगे अब यह देखना होगा कि भाजपा से विजय बघेल सांसद रहते हुए अपने जिलेवासियों कि मूलभूत समस्याओं का निराकरण एवं अपने समाज को आगे बढ़ाने के लिए क्या योगदान दिया गया यही महत्वपूर्ण है।
तों वहीं कांग्रेस से राजेंद्र साहू प्रदेश महामंत्री एवं केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के क़रीबी होने के नाते अपने क्षेत्र एवं अपनी समाज को आगे बढ़ाने के लिए क्या योगदान दिया गया ये भी महत्वपूर्ण है। क्योंकि कुछ नेताओं द्वारा चुनाव जितने के बाद अपने समाज से दूरी बनाना शुरू कर दिया जाता है। और चुनाव हारने के बाद अपने ही समाज को दोषी ठहराने में कोई कमी एवं कसर नहीं छोड़ती और बाद में यह भी सुनने में आते हैं कि हमारे समाज के लोग साथ नहीं दिए
जबकि खासबात तो यह है कि चुनाव के समय ही गांव,समाज और दोस्त,रिस्तेदारों सभी याद आते हैं। और चुनाव जितने के बाद सभी लोगों से पांच वर्षों तक नजरंदाज करते दिखाई देते हैं। जो नेताओं गांव, समाज, एवं क्षेत्र के लिए नहीं हुआ ऐसे लोग अपने घरों एवं एक दूसरे सभी के लिए हानिकारक होता है। इसलिए अपने समाज एवं अपने क्षेत्र में जितना हो सके मिलजुल कर रहने कि आवश्यकता
दुर्ग जिला अपराधों का गढ़ एवं दुर्घटनाओं का गढ़ माना जाता है। यहां अनेकों अपराध और अनेकों दुर्घटनाओं हो चुकी है।
लेकिन उसे रोकथाम करने एवं पीड़ितों से भेंट मुलाकात कर मुआवजे को लेकर एवं दुर्घटनाओं को रोकने हेतु जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार से आज तक इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों द्वारा कोई ठोस कार्यवाही एवं कोई पहल नहीं कि गई जबकि दोनों प्रत्याशियों दुर्ग जिले में बहुत ही महत्वपूर्ण मंत्री पद के जिम्मेदारियो का निर्वाह कर रहे थे लेकिन दुर्ग जिलेवासियों के समस्याओं को लेकर आज तक खरा नहीं उतर पाए
ऐसे में सबका साथ और सबका विकास एवं सबका विश्वास और गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना कैसे साकार होंगे लेकिन अब देखना होगा कि दुर्ग जिला वासियों द्वारा किस पार्टी के प्रत्याशी पर भरोसा करेंगे किसे अपने दुर्ग जिला के सांसद बनाने के लिए मोहर लगाऐंगे ये तो समय आने पर ही पता चल पायेगा
दोनों पार्टियों द्वारा अपने अपने सरकार के योजनाओं को लेकर घर घर जायेंगे या फिर दोनों पार्टियों द्वारा एक दुसरे के कमजोरियों को गिनाने हेतु अपने समाज एवं अपने क्षेत्रों में घर घर जायेंगे लुभावने वायदे के साथ ही अनेकों योजनाओं को लेकर आप सभी लोगों के पास आयेंगे इसलिए किसी के कहे सुनने पर नहीं आना है। और अपने इच्छानुसार मताधिकार का उपयोग करना है।