पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू एवं अरुण वोरा भरोसे के सरकार में विकास कार्यों को लेकर खरा नहीं उतर पाए शहरवासियों के लिए बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण साबित हुई
आज हम आपको दुर्ग शहर के सड़कों के गड्ढों के बारे में अवलोकन करेंगे। आपको बता दें कि अभी वर्तमान में दुर्ग विधानसभा चुनाव से अरुण वोरा जो प्रत्याशी के रूप में खड़े हुए हैं। अरूण वोरा का ये सातवीं बार विधायक के लिए चुनाव लड रहे हैं।
जिसमें से तीन बार विधान सभा चुनाव में जीत हासिल कि गई। और तीन बार हार का सामना करना पड़ा। तीन बार विधायक बनने के बाद आज भी दुर्ग शहरवासियों को अच्छी सड़क तो दूर कि बात दुर्ग शहर गढ्ढे मुक्त आज तक नहीं हुआ। आज भी शहरवासियों को बड़े बड़े गड्ढों से जूझना पढ़ रहे हैं। जबकि खासबात तो यह हैं। कि
पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू दुर्ग शहर में ही निवास करते हैं। उसके बाद भी दुर्ग वासियों को गड्ढों से निजात नहीं मिल पाई। इन नेताओं द्वारा अपने उद्बोधन में कईयों बार यह कहते सुनने में आते हैं। हमारे सरकार के पास विकास के लिए पैसे कि कमी नहीं है। जब इनकी सरकार के पास विकास कार्यों के लिए पैसे कि कमी नहीं है।
तो दुर्ग शहर वासियों को गड्ढों भरा सड़कों का उपयोग करने को मजबूर क्यों हो गई। जिससे खराब सड़कों के कारण कई लोगों की जांन भी गई। आज चुनाव नजदीक आते ही सड़कों के गड्ढों को लीपापोती करने का काम किए जा रहें हैं।
क्या इस बार दुर्ग शहर वासियों को विधानसभा लड़ रहे विधायक पर और भरोसे के सरकार पर और भरोसा कर पायेंगे। ये तो आने वाले वक्त ही बता पायेंगे कि लोगों को अब कौन भरोसेमंद है