दो परिवारों का घर उजड़ गए ढाबा में खाना खाकर निकलें तो उसमें ललित साहू सहित तामेश्वरी देशमुख के तीनों बच्चे दिखाई दिए लेकिन नदी में दो बच्चों का ही शव मिला तीसरे बच्चे का शिवनाथ नदी में SDRF टीम द्वारा खोजबीन जारी…
दुर्ग नगर निगम एवं पुलगांव थाना क्षेत्र के अंतर्गत देर रात्रि करीब एक बजे एक कार नदी में डूब जाने कि सूचना किसी ने SDRF के टीम को सूचना दी गई तत्पश्चात SDRF के टीम द्वारा आज सुबह करीब चार बजे से खोजबीन शुरू कि गई करीब दस बजे नदी से कार बरामद किया गया कार को नदी से बाहर निकालने पर पता चला कि कार में चार लोग सवार थे।
जिसमें दो बच्चे एक महिला और एक पुरुष कि शव बरामद कि गई जब लोगो ने देखा तो एक ही परिवार के होंगे करके अनुमान लगाया लेकिन थोड़ी देर बाद जब पता साजी करने पर मालूम हुआ कि अलग-अलग दो परिवार के होने कि पुष्टि हुई जानकारों कि मुताबिक देवादा गांव के जी एन ढाबा है। जहां कार में तीन बच्चे एक महिला और एक पुरुष खाना खाने गए थे खाना खाकर दुर्ग कि ओर कार में बैठकर आया
उसी दौरान शिवनाथ नदी के फ्लाई ओवर ब्रिज को छोड़कर छोटे पुल से जाने लगें अंधेरे कि वजह से पुल समझ में नहीं आई होगी तभी उसी दौरान कार अनियंत्रित हुआ होगा या उस महिला और पुरुष के साथ किसी बात को लेकर कोई झूमा झटकी तो नहीं हुई होगी या फिर नदी से सौ मीटर पहले बड़े बड़े गढ्ढे भरें सड़क से कार अनबैलेंस तो नहीं हुई आपको बता दें कि
कार में लगभग पांच लोग सवार थे जिसमें एक पुरूष का नाम ललित और महिला का नाम तामेश्वरी पति गिरीश देशमुख के तीनों बच्चे यश लक्ष्मी, गरिमा और कुमारी कुमुद देशमुख कार में सवार थी लेकिन जब नदी से कार को निकाली गई तो उसमें केवल दो बच्चे ही मृत अवस्था में दिखाई दिए एक बच्चे कार में नहीं थी ललित साहू बोरसी निवासी इनके पुराने गांव ओटेबंन सकरौद के रहने वाले थे ।
जबकि उसके साथ कार सवार जो महिला श्रीमती तामेश्वरी पति गिरीश देशमुख उनकी ससुराल सकरौद के रहने वाली थी और कार में दो बच्चे का जो शव बरामद किए गए वह तामेश्वरी देशमुख के ही बच्ची थी जबकि ढाबा में खाना खाकर निकलें तो उसमें तामेश्वरी साहू के तीनों बच्चे दिखाई दे रहे है। और नदी में दो बच्चे का ही सिनाख्त हुई हैं।
ऐसे में एक बच्चे कहा गई नदी में बह गए या फिर कही छोड़कर चले गए फिलहाल एक बच्ची कि शिवनाथ नदी में खोजबीन जारी रखी गई है। ललित साहू और तामेश्वरी देशमुख दोनों एक ही गांव के रहने वाले थे सुत्रो के अनुसार पता चला कि गिरिश देशमुख और ललित साहू एक ही गांव के होने के साथ ही दोनों खास दोस्त भी थे दोनों एक-दूसरे के यहां आना-जाना करते थे
ललित साहू बीएसपी में ड्राइवर और गिरीश देशमुख बी एस एफ रायपुर माना में पदस्थ हैं। कुछ वर्षों से ललित साहू बोरसी में रहते हैं।और गिरीश देशमुख दुर्ग शहर स्थित कसारीडीह में किराए के घर में निवास करते हैं। ललित साहू और तामेश्वरी साहू दोनों के प्रेम-प्रसंग काफी लम्बे समय से सकरौद गांव में चर्चित है।
सुनने में आया कि तामेश्वरी साहू के पति पंद्रह दिनों के लिए छुट्टी पर हैं। कुछ दिनों से अपने पति के साथ किसी पुराने विवाद के चलते दोपहर बारह बजे के आसपास घर से तीनों बच्चों को लेकर चली गई थी इस तरह से दो परिवारों के हंसते खेलते घर पल भर में उजड़ गई
दुर्ग शहर के शिवनाथ नदी फ्लाई ओवर, रेलवे स्टेशन फ्लाई ओवर, पुलगांव फ्लाई ओवर, मालवीय चौक वाईसेफ फ्लाई ओवर, एवं जेल चौक फ्लाई ओवर के सड़कें में बड़े बड़े गढ्ढे एवं स्टीक लाईटें बंद अंधेरे होने के कारण राहगीरों को दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस क्षेत्र जिम्मेदार अधिकारी से लेकर नेताओं के पास टाइम ही नहीं है। कि सड़कों का निरक्षण कर निराकरण कर सकें इस तरह से ये अनुमान लगाया जा सकता है कि
कहीं न कहीं सबका साथ सबका विकास एवं गढ़बो नवा दुर्ग का सपना क्षेत्र के लोगों के लिए फैल साबित हुई हैं। इन नेताओं को लोगों कि जांन कि कोई अहमियत नहीं है। आज इसी कारण पुरे सड़कों बैनर पोस्टर में दब्दील हो गई है। शहर के गड्ढों को छुपाने के लिए बैनर पोस्टर कि जाल बिछाया दिया गया
ताकि सड़कों में अच्छी बैनर पोस्टर लगे फोटो अच्छी दिखनी चाहिए दुर्ग शहर का विकास नहीं जिम्मेदार अधिकारियों एवं नेताओं का विकास हुआ ऐसा प्रतीत इस दुर्ग शहर वासियों को हो रहें हैं। बैनर पोस्टर बना प्रशासन के लिए आवक का जरिया इसीलिए लोगों के जांन का खिलवाड़ कर लगाई गई