जिला प्रशासन के द्वारा मतदान को लेकर कई प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से वोटिंग को लेकर जागरूकता अभियान चलाया और शायद लाखों खर्च भी कि गई होगी उसके बाद भी उम्मीद से कम पड़े वोटिंग
दुर्ग लोकसभा निर्वाचन 2024 के अंतर्गत 07 मई को जिले में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न हुई ऐसा जिला प्रशासन का कहना है। लेकिन सुत्रो से मिली जानकारी के मुताबिक पहली बात जिला प्रशासन द्वारा ड्यूटी में लगे कर्मचारियों एवं तैनात पुलिस के जवानों सहित निगम के सुपरवाईजरो को मतदान केंद्रों में ड्यूटी पर लगाया गया था
लेकिन जिम्मेदारों द्वारा खाने कि व्यवस्था नहीं रखीं गई थी जिसके कारण ड्यूटी में तैनात कर्मचारी और पुलिस के जवानों को स्वयं अपने लिए बाहर से खाना आर्डर कर मंगवाना पड़ा और दुसरी बात यह है कि जिला प्रशासन के आदेशानुसार सभी विभागों में कई महिनों से मतदान को लेकर बैनर पोस्टर के माध्यम से लोगों से अपील करते हुए मतदान जागरूकता अभियान चलाया गया
जिले के शासकीय स्कूलों में बच्चों के माध्यम से भी गली मोहल्ले में चुनाव को लेकर मतदान जागरूकता अभियान चलाया गया विज्ञापनों टेलीविजनों एवं मीडिया के माध्यम से शतप्रतिशत मतदान को लेकर प्रचार प्रसार करते दिखाई दिए इस मतदान जागरूकता अभियान को लेकर शायद जिला प्रशासन द्वारा लाखों खर्च भी करने कि अनुमान लगाई जा रही है।
उसके बाद भी शत-प्रतिशत मतदान क्यों नहीं होता आखिर क्यों नहीं जाते लोग मतदान करने मतदान केंद्र स्थल पर और मतदाताओं के लिए मतदान स्थल पर बैठने कि व्यवस्था क्यों नहीं रखीं गई थी अगर चुनाव के ठीक एक दिन पहले शहर एवं ग्रामीण अंचलों में कोतवालों के माध्यम से मुनियादी कि जाती तो शायद हो सकता है कि वोटर कि प्रतिशत में वृद्धि देखने को मिलता
वोटिंग कम होने से क्षेत्र में लोगों के अनुरूप सही नेता बहुत ही कम देखने को मिलता है।और जिसका खामियाजा क्षेत्र के लोगों को विकास कार्यों को लेकर पांच वर्षों तक झेलना पड़ता है। जिला प्रशासन को सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए चुनाव मतदान दिवस के दिन शासकीय, अशासकीय एवं प्राईवेट जगहों पर काम को लेकर पुरी तरह छुट्टी घोषित करने कि आवश्यकता है।
और चुनाव के दुसरे दिन क्षेत्र के सभी घरों में सर्वे होनी चाहिए जिस जिस घरों में व्यक्ति नदारद या फिर वोटिंग में भाग नहीं लिया और वोंट नहीं किया ऐसे लोगों को एक माह के लिए शासकीय योजनाओं से वंचित कर देनी चाहिए ताकि इस डर से मतदान में वृद्धि देखने को मिलता
इससे क्षेत्र में अच्छे नेता एवं मतदान केंद्रों में मतदाताओं कि अपनी उपस्थिति अधिक संख्या में देखने को मिलता और इससे शत-प्रतिशत मतदान होंने कि सम्भावना बनी रहती और इससे पता भी चल जाता कि मतदाताओं में किस बात कि नाराजगी जो मतदान केंद्रों तक वोटिंग करने क्यो नहीं पहुंचते
और जो नेताओं द्वारा पांच वर्षों तक विकास कार्यों को लेकर सिर्फ क्षेत्र के लोगों को गुमराह एवं झूठी अश्वासन देते हुए दिखाई देते हैं ऐसे नेताओं का बहिष्कार करनी एवं दुसरे बार चुनाव में खड़े होते हैं। तों आवेदनों को निरस्त कर देना चाहिए क्योंकि हमारा देश विकासशील देश है। और विकासशील देश में ऐसे नेताओं कि आवश्यकता नहीं जो क्षेत्र के विकास को छोड़ कर केवल अपनी विकास करने में लगे रहे हो