सुरक्षा मानकों का मॉनिटरिंग करने न कोई अधिकारी और न कोई इंजीनियर उपलब्ध नहीं है। ऐसा लगता है कि निगम प्रशासन किसी की मौत के इंतजार में है।
दुर्ग नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत ठेकेदार द्वारा बोरसी से धनोरा पहुंच नाला निर्माण कर रहा है। संभावना है कि करोड़ों की लागत से यह निर्माण हो रहा है निकासी व्यवस्था के लिए बनाई जा रहे नाले में जमकर कोताही बरती जा रही है।
जानकारी के मुताबिक इस नाले में दो पार्ट में काम किया जा रहा है एक हिस्सा बोरसी चौक से कदम प्लाजा तक तो वहीं दूसरा हिस्सा कदम प्लाजा से रजवाड़ा पैलेस के पहले तक का है इन दोनों कामों में नाले की तराई ठीक से नहीं हो रही है।
रहवासियों ने बताया कि नगर निगम से कोई अधिकारी देखरेख करने वाला और न कोई इंजीनियर सामने मौजूद नहीं रहता जिसको देखते हुए ठेकेदार एजेंसी खूब मनमानी कर रहा है। बेस में भी कोई मजबूती नहीं है।
वही उसमें डस्ट का उपयोग किया जा रहा है जो की गुणवत्ता को दर्शा रहा है। शायद रसुखदारों के जमीन को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नाली भी सर्प आकार में टेडहे मेडहे बने दिखाई दिए
रहवासियो ने इसकी मजबूती पर भी सवाल उठाया है और कहा है कि सरिया का इस्तेमाल भी प्रॉपर तरीके से नहीं किया जा रहा है जिससे इसकी क्वालिटी खराब होने की संभावना है।
रहवासियों के आने जाने के लिए नाले के ऊपर स्लैब ढालने के मटेरियल के लिए पैसे मांगे जाने की शिकायत भी मिल रही है।
धनोरा की ओर से आने वाले राहगीर इस काम से परेशान हैं। ठेकेदार ने खोदे गए मिट्टी को सड़क के किनारे रख दिया है। सुरक्षा मानकों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही है। किसी प्रकार का घेरा है न कोई स्टॉपर लगा है। मिट्टी के ढेर से सामने आने वाले वाहन ही नहीं दिखाई देते,
जिससे दुर्घटना की आशंका लगातार बनी हुई है। ऐसा लगता है कि निगम प्रशासन किसी की मौत के इंतजार में है।
इंजीनियर करण यादव का कहना है कि मॉनिटरिंग डेली की जा रही है लेकिन सुरक्षा मानकों का मॉनिटरिंग करने कोई इंजीनियर उपलब्ध नहीं है।
हमने इस सम्बन्ध में निगम आयुक्त को फोन कर जानकारी अवगत कराने कि कोशिश कि गई लेकिन आयुक्त महोदय अपने नीजी व्यस्तता के चलते आज कल फोन नहीं उठाया करते शहरवासियों से किस बात कि नाराजगी वहीं जाने
निगम प्रशासन और शहर के जिम्मेदार नेताओं को कार्य स्थल का निरक्षण कर संज्ञान लेने कि आवश्यकता है। लेकिन ऐसा नहीं होता आप भले भाती समझते हैं भोले-भाले शहरवासियों कि जांन बना जोखिम राहगीरों को लगातार दुर्घटनाओं का सामना करना बड़ी दुर्घटनाओं को आमंत्रित करते दिखाई दिए