हम ‘जलापूर्ति बंद’ शब्द से डर गए हैं। पहले से ही पानी कम आ रहा है, ऊपर से बार-बार कटौती। इतनी भयंकर गर्मी में हम कैसे जिएँगे ? “
दुर्ग। भीषण गर्मी और नियमित जलापूर्ति बाधित होने के चलते दुर्ग शहर के अनेक क्षेत्रों में जलसंकट गहराता जा रहा है। नगर निगम द्वारा पेयजल आपूर्ति के लिए टैंकों की सफाई और पंपिंग स्टेशन के रखरखाव के नाम पर जलापूर्ति बंद की गई है, जिससे शहर के दर्जनों वार्डों में नलों से पानी नहीं आ रहा है।
जिससे नागरिकों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। नागरिकों को टैंकरों के भरोसे रहना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि सरकार की नाकामी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है।
पानी की अनुपलब्धता के कारण नागरिकों को सुबह से ही बाल्टियाँ लेकर पंक्ति में लगना पड़ रहा है। कई क्षेत्रों में कई दिनों से पानी नहीं आया है, और जहाँ आ भी रहा है, वहाँ बहुत कम दबाव से।
अरुण वोरा, आर.एन. वर्मा और नेता प्रतिपक्ष संजय कोहले ने किया जलसंकट प्रभावित इलाकों का दौरा
इसी संकट को लेकर पूर्व विधायक अरुण वोरा ने पटरी पार क्षेत्र के प्रभावित वार्डों का दौरा कर नागरिकों की समस्याएँ सुनीं। उन्होंने मौके पर मौजूद लोगों से चर्चा कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली और दुर्ग आयुक्त से दूरभाष पर चर्चा कर विशेष रूप से आग्रह किया कि किसी भी सूरत में जलसंकट की स्थिति बनने न दी जाए।
नागरिकों ने वोरा को बताया कि “हम ‘जलापूर्ति बंद’ शब्द से डर गए हैं। पहले से ही पानी कम आ रहा है, ऊपर से बार-बार कटौती। इतनी भयंकर गर्मी में हम कैसे जिएँगे?”
गर्मी के मौसम के लिए कोई पूर्व तैयारी नहीं
इस संकट की वजह को लेकर वोरा ने कहा कि गर्मी के मौसम की शुरुआत से पहले जलसंकट से निपटने के लिए कोई तैयारी क्यों नहीं की गई। उन्होंने कहा: “अप्रैल का महीना आधा भी नहीं बीता और शहर में पानी की किल्लत शुरू हो गई है। यह प्रशासन की पूरी तरह से असफलता है। अगर इस तरह की स्थिति गर्मी के अगले ढाई महीनों तक बनी रही तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है।”
उनके साथ पूर्व महापौर आर.एन. वर्मा, नेता प्रतिपक्ष संजय कोहले, पार्षद पप्पू श्रीवास्तव, कन्या धीमर, लोकेश चक्रधारी और अजीत कुटेल भी उपस्थित रहे। शहर के वार्ड 24 से लेकर वार्ड 57 तक के दर्जनों क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति प्रभावित हुई है।
महिलाओं ने उठाई आवाज — खाली बाल्टियाँ लेकर पहुँचीं नगर निगम कार्यालय
वहीं पोटिया रोड स्थित प्रधानमंत्री आवास की महिलाएँ व बच्चे जलसंकट के विरोध में खाली बाल्टियाँ लेकर नगर निगम कार्यालय पहुँचीं और जोरदार प्रदर्शन किया। नागरिकों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद ना पाइपलाइन डाली गई और ना ही सफाई का काम हुआ। गर्मी में पानी की यह स्थिति जनता के साथ अन्याय है।
जनता का गुस्सा धीरे-धीरे सड़कों पर आने को तैयार है, पर क्या सरकार जागेगी? गर्मी की तपिश के साथ जन आक्रोश भी अब तेज़ होता जा रहा है।