शहीद के परिजन और समाजिक लोगो ने शहीद उमेश साहू की प्रतिमा लगाने की मांग
देश की सीमा लेह लद्दाख में ड्यूटी पर तैनात दुर्ग के जवान उमेश साहू का पार्थिव शरीर आज सुबह दुर्ग पहुंचा जहा पूरे सैन्य सम्मान के साथ उमेश साहू का अंतिम संस्कार किया गया उमेश साहू दुर्ग के ग्राम के ग्राम पंचायत कोडिया के रहने वाले हैं और पिछले 10 वर्षों से आर्मी में पोस्टेड थे।
उमेश साहू की ड्यूटी लेह लद्दाख के बर्फीले इलाके में थी जहां देश के दुश्मनों से देश की रक्षा करने के लिए उमेश अपना कर्तव्य निभा रहे थे इसी बीच अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और सांस लेने में तकलीफ होने लगी इसके बाद उन्होंने अपना देह त्याग दिया उमेश साहू के निधन पर गांव में मातम पसरा हुआ है।
शहीद उमेश साहू के पार्थिव शरीर को उनके गृह निवास ले जाते समय दुर्ग शहर से लेकर उनके गांव पहुंचने तक जगह-जगह चौक चौराहों में उनके स्वागत में नम आंखों से हार फूल मालाओं अर्पित कि गई
तो वही महज 2200 की आबादी वाले इस गाँव मे शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए लगभग 10 हजार की संख्या में लोग अपने लाडले को अंतिम विदाई देने पहुँचे थे दुर्ग ग्रामीण के विधायक ललित चंद्राकर सहित शहर विधायक गजेंद्र यादव और जिला प्रशासन के तमाम आला अधिकारी सहित अनेक पार्टियों के नेताओं एवं गणमान्य नागरिकों भी मौके पर मौजूद थे।
आपको बता दें कि शहीद उमेश साहू अपने परिवार में तीन भाई होते थे जिसमें से वह दुसरे नंबर के थे और और उनके बड़े भाई और छोटे भाई दोनों पहले से ही स्वर्गवास हो गया है। और माता जी अभी अभी कुछ महिने पहले देहांत हुई हैं। और पिता जी बुजुर्ग होने के कारण अक्सर अस्वस्थ रहते हैं।
तो वहीं शहीद के परिजन और समाजिक लोगो ने शहीद उमेश की प्रतिमा लगाने की मांग भी की है शहीद उमेश का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ दुर्ग शहर से महज 10 किलोमीटर कि दूरी पर स्थित कोडिया के मुक्तिधाम मैदान में किया गया
शहीद उमेश साहू को परिवारजनों, गांव वालों सहित दूर दराज से पहुंचे प्रदेश के लोगों ने देशभक्ति गीतों डीजे के धून के साथ नम आंखों से बिदाई करते दिखाई दिए और सभी ने ईश्वर से दो मिनट के मौन रखकर प्रार्थना किया गया कि भगवान अपने श्रीचरणों में स्थान देवें और परिवारजनों को दुःख सहने कि ताकत प्रदान करें